All Is Well Hindi Book Pdf Download
Short Description Of The Book:
In a world whose pace continues to increase; While people, technologies, and situations change rapidly, we are too busy pursuing our goals and hoping and striving for quick results. In the struggle to keep pace with change, we have forgotten to live a stress-free life.
In this context I am remembering a very old incident. Among the many stories told by my grandmother, one story had a special impact on me. That story was about a beggar who always sat on a wooden box on the side of the footpath. He used to beg from every person passing by. One day a rich man, who was rich in intelligence, passed by and the beggar asked him for money. He stopped, but he became curious to know about the things kept in the box on which the beggar was sitting. Out of curiosity he asked the beggar what was inside the box. The beggar replied that he did not know what was inside the box. Although he has been sitting on it for the last several years. He never thought or cared to look inside the box. The rich man asked him to open the box, and the beggar was surprised to see that the box was full of treasure. My grandmother always told me at the end of the story that every person has a store of strength and potential inside him, which sometimes he is not even aware of.
पुस्तक का संक्षिप्त विवरण:
एक ऐसे संसार में जिसकी गति निरंतर बढ़ती रहती है; जहाँ लोग, तकनीकें और स्थितियाँ बहुत तेजी से बदल जाती हैं, हम अपने लक्ष्यों का पीछा करने में और त्वरित परिणामों के लिए आशा व प्रयास करने में बहुत व्यस्त रहते हैं। परिवर्तन के साथ कदम मिलाए रखने के संघर्ष में, हम एक तनाव-मुक्त जीवन जीना भूल गए हैं।
इस संदर्भ में मुझे एक बहुत पुरानी घटना याद आ रही है। मेरी दादी की सुनाई कई कहानियों में से एक कहानी का मुझ पर विशेष असर हुआ था। वह कहानी एक भिखारी की थी, जो हमेशा फुटपाथ के किनारे एक लकड़ी के बक्से पर बैठा करता था। वह उधर से गुजरने वाले हर व्यक्ति से भीख माँगा करता था। एक दिन एक धनी व्यक्ति, जो बुद्धि से धनी था, वहाँ से गुजरा और भिखारी ने उससे पैसे माँगे। वह रुक गया, लेकिन उसको उस बक्से में रखी चीजों के बारे में जानने की उत्सुकता हुई, जिस पर भिखारी बैठा था। उत्सुकतावश उसने भिखारी से पूछ ही लिया कि बक्से के अंदर क्या है। भिखारी ने जवाब दिया कि उसे नहीं पता था कि बक्से के अंदर क्या है? हालाँकि वह पिछले कई वर्षों से उस पर बैठ रहा है। उसने बक्से के अंदर देखने के बारे में न कभी सोचा न उसकी परवाह की। धनी व्यक्ति ने उसे बक्सा खोलने के लिए कहा, और भिखारी ये देखकर हैरान हो गया कि बक्से में खजाना भरा था। मेरी दादी कहानी के अंत में मुझे हमेशा कहती थीं कि हर व्यक्ति के अंदर शक्ति और क्षमता का भंडार होता है, जिसके बारे में कभी- कभी उसे पता भी नहीं होताएक ऐसे संसार में जिसकी गति निरंतर बढ़ती रहती है; जहाँ लोग, तकनीकें और स्थितियाँ बहुत तेजी से बदल जाती हैं, हम अपने लक्ष्यों का पीछा करने में और त्वरित परिणामों के लिए आशा व प्रयास करने में बहुत व्यस्त रहते हैं। परिवर्तन के साथ कदम मिलाए रखने के संघर्ष में, हम एक तनाव-मुक्त जीवन जीना भूल गए हैं।
Details of Book :-
Particulars | Details (Size, Writer, Dialect, Pages) |
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Name of Book: | All Is Well |
Author: | Dr. Sneh Desai |
Total pages: | 112 |
Language: | Hindi |
Size: | 18 ~ MB |
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